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पाठ्यक्रम :- रासायनिक अभिक्रिया की दर एवं रासायनिक साम्य- रासायनिक अभिक्रिया की दर का प्रारंभिक ज्ञान , तीव्र एवं मंद अभिक्रिया


रासायनिक अभिक्रिया की दर -

इकाई  समयान्तराल में किसी रासायनिक अभिक्रिया के अभिकारक या क्रियाफल के सांद्रण में परिवर्तन की दर को रासायनिक अभिक्रिया की दर कहा जाता है ।
माना कि A और B के क्रिया करने से C और D बनाता है तो इसे इस प्रकार से प्रदर्शित कर सकते है ।
A+B---->C+D 
जहाँ a,b अभिकारक और c,d क्रियाफल है ।
तो 
अभिक्रिया की दर = अभिकारक या क्रियाफल के सांद्रण में परिवर्तन /समयान्तराल
रासनायनिक अभिक्रिया की दर का मात्रक :- मोल प्रति लीटर प्रति सेकंड । 

रासायनिक अभिक्रिया की दर को प्रभावित करने वाले कारक-

  1. अभिकारकों का सांद्रण :- यदि अभिकारक का सांद्रण बढ़ाया जाए तो अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है क्योंकि प्रभावी टक्करों की संख्या बढ़ जाती है ।
  2. अभिक्रिया का ताप :- किसी अभिक्रिया की ताप बढ़ाने पर अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है । ताप बढाने पर अभिकारक के अणु ज्यादा सक्रिय हो जाते है जिससे अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है ।
  3. अभिक्रिया का दाब :- किसी अभिक्रिया में दाब बढ़ाने पर आयतन कम हो जाता है जिससे अणुओं की टक्करों की संख्या बढ़ जाती है । इस प्रकार अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है ।
  4. उत्प्रेरक की उपस्थिति :- उत्प्रेरक की प्रकृति पर निर्भर करता है , क्योंकि कोई उत्प्रेरक अभिक्रिया की दर को बढ़ता है ,  कोई घटाता है और कोई उदासीन रहता है ।
  5. पृष्ठ का क्षेत्रफल :-  यदि अभिकारक ठोस अवस्था में हो तो उसका पृष्ठीय क्षेत्रफल बढाने पर अभिक्रिया की दर बढ़ती है ।

रासायनिक साम्यावस्था :-

किसी उत्क्रमणीय अभिक्रिया की वह अवस्था जिसमे अग्र और पश्च अभिक्रिया की गति बराबर हो जाये ,उस अवस्था को रासायनिक साम्यावस्था कहा जाता है ।
रासायनिक साम्यावस्था के लक्षण :- 
  • अग्र और पश्च अभिक्रिया की गति बराबर किन्तु अभिक्रिया विपरीत होती है ।
  • अभिक्रिया किसी भी दिशा में पूर्णता को प्राप्त नहीं करती है।
  • रासायनिक साम्यावस्था में अभिकारक व् क्रियाफल की मात्रा बराबर होती है ।
  • उत्प्रेरक की उपस्थिति में साम्यावस्था में कोई परिवर्तन नहीं होता है ।
  • साम्यावस्था में निकाय की ऊर्जा न्यूनतम होती है ।

मंद एवं तीव्र अभिक्रिया :- 

ऐसी अभिक्रिया जिसको पूर्ण होने में ज्यादा समय लगता है उसे मंद अभिक्रिया कहते है ।
उदहारण -
1.दूध से दही का बनना 
2. लोहे में जंग लगना
3. हाइड्रोजन का आयोडीन से क्रिया मंद अभिक्रिया का उदहारण है , जिसमें हाइड्रोजन आयोडाइड बनता है।
H2+I2---->2HI
ऐसी अभिक्रियाएं जो तीव्र गति से संपन्न होता है , तीव्र अभिक्रिया कहलाता है ।
उदहारण :-
सिल्वर नाइट्रेट के विलयन में सोडियम क्लोराइड मिलाया जाता है तो सिल्वर क्लोराइड तेजी से बनता है ।
Agno3+Nacl ---->Agcl+NaNo3

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