### Q1. योग के इतिहास में पतंजलि किसके लिए प्रसिद्ध हैं?
1. आयुर्वेद के ग्रंथ लिखने के लिए
2. योगसूत्र की रचना के लिए
3. भगवद गीता लिखने के लिए
4. रामायण लिखने के लिए
**उत्तर:** 2. योगसूत्र की रचना के लिए
**व्याख्या:** पतंजलि को योग का जनक माना जाता है क्योंकि उन्होंने 'योगसूत्र' की रचना की, जो योग के सिद्धांतों और अभ्यासों का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें योग के आठ अंगों का वर्णन मिलता है, जिसे 'अष्टांग योग' कहा जाता है।
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### Q2. पतंजलि द्वारा योगसूत्र में कितने अध्याय (पाद) होते हैं?
1. एक
2. दो
3. तीन
4. चार
**उत्तर:** 4. चार
**व्याख्या:** पतंजलि के योगसूत्र चार अध्यायों में विभाजित हैं - समाधि पाद, साधना पाद, विभूति पाद, और कैवल्य पाद। प्रत्येक पाद योग के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से बताता है।
### Q3. योगसूत्र के अनुसार योग का उद्देश्य क्या है? 1. शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त करना 2. मानसिक शांति प्राप्त करना 3. आत्मा और परमात्मा के मिलन के माध्यम से मोक्ष प्राप्त करना 4. सामाजिक कल्याण के लिए काम करना **उत्तर:** 3. आत्मा और परमात्मा के मिलन के माध्यम से मोक्ष प्राप्त करना **व्याख्या:** पतंजलि के योगसूत्र के अनुसार, योग का मुख्य उद्देश्य आत्मा (जीवात्मा) और परमात्मा के मिलन के माध्यम से मोक्ष प्राप्त करना है। यह अज्ञान (अविद्या) को समाप्त कर आत्मज्ञान की ओर ले जाता है। --- ### Q4. निम्नलिखित में से कौनसा योग का प्रकार नहीं है? 1. भक्ति योग 2. राज योग 3. हठ योग 4. कृषि योग **उत्तर:** 4. कृषि योग **व्याख्या:** योग के प्रमुख चार प्रकार माने जाते हैं - राज योग, भक्ति योग, हठ योग और ज्ञान योग। कृषि योग जैसा कोई प्रकार नहीं है। --- ### Q5. "अष्टांग योग" के आठ अंगों में कौनसा अंग अंतिम होता है? 1. ध्यान 2. प्राणायाम 3. समाधि 4. यम **उत्तर:** 3. समाधि **व्याख्या:** अष्टांग योग के आठ अंग हैं - यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, और समाधि। समाधि अष्टांग योग का अंतिम और सर्वोच्च चरण है, जिसमें योगी आत्म-साक्षात्कार करता है और मोक्ष प्राप्त करता है। --- ### Q6. पतंजलि के योगसूत्र में "ध्यान" को किस प्रकार वर्णित किया गया है? 1. स्थूल अभ्यास 2. एकाग्रता का अभ्यास 3. प्राणायाम का अभ्यास 4. शारीरिक व्यायाम **उत्तर:** 2. एकाग्रता का अभ्यास **व्याख्या:** ध्यान को पतंजलि के योगसूत्र में एकाग्रता का अभ्यास बताया गया है, जहां योगी अपने मन को किसी एक बिंदु या विषय पर स्थिर करता है। यह ध्यान की अवस्था योग साधना का महत्वपूर्ण अंग है। --- ### Q7. योग के किस प्रकार में ईश्वर के प्रति भक्ति और समर्पण का महत्व होता है? 1. राज योग 2. ज्ञान योग 3. भक्ति योग 4. कर्म योग **उत्तर:** 3. भक्ति योग **व्याख्या:** भक्ति योग में ईश्वर के प्रति प्रेम, भक्ति, और समर्पण के माध्यम से मोक्ष प्राप्ति का मार्ग बताया गया है। इसमें भावनात्मक और आध्यात्मिक संबंध पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। --- ### Q8. योग की परिभाषा पतंजलि ने किस प्रकार दी है? 1. योग शरीर का विकास है 2. योग चित्तवृत्ति निरोध है 3. योग मानसिक शांति का साधन है 4. योग सांस का नियंत्रण है **उत्तर:** 2. योग चित्तवृत्ति निरोध है **व्याख्या:** पतंजलि ने योग को "योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः" के रूप में परिभाषित किया है, जिसका अर्थ है "चित्त की वृत्तियों का निरोध"। योग मन के विकारों को शांत करने का साधन है, ताकि व्यक्ति आत्मा की सच्ची प्रकृति को समझ सके। ### Q9. अष्टांग योग में "ध्यान" किसका अभ्यास है? 1. शारीरिक व्यायाम 2. श्वास नियंत्रण 3. मन की एकाग्रता 4. भोजन का नियंत्रण **उत्तर:** 3. मन की एकाग्रता **व्याख्या:** ध्यान अष्टांग योग का सातवां अंग है, जिसमें मन को एकाग्र करना और ध्यान केंद्रित करना शामिल है। यह मानसिक स्थिरता और शांति प्राप्त करने के लिए अभ्यास किया जाता है। --- ### Q10. प्राणायाम का क्या अर्थ है? 1. भोजन को नियंत्रित करना 2. शारीरिक व्यायाम 3. श्वास को नियंत्रित करना 4. मन को शांत करना **उत्तर:** 3. श्वास को नियंत्रित करना **व्याख्या:** प्राणायाम अष्टांग योग का चौथा अंग है, जिसमें श्वास के नियंत्रण का अभ्यास किया जाता है। 'प्राण' का अर्थ जीवन शक्ति या श्वास और 'आयाम' का अर्थ नियंत्रण या विस्तार होता है। --- ### Q11. "यम" अष्टांग योग का कौन सा अंग है? 1. पहला 2. दूसरा 3. तीसरा 4. चौथा **उत्तर:** 1. पहला **व्याख्या:** यम अष्टांग योग का पहला अंग है, जो नैतिक अनुशासन और सामाजिक आचरण से संबंधित है। इसमें पांच उपांग होते हैं: अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, और अपरिग्रह। --- ### Q12. प्राणायाम के अभ्यास का मुख्य उद्देश्य क्या है? 1. शारीरिक शक्ति बढ़ाना 2. मन को स्थिर करना 3. शरीर को लचीला बनाना 4. मन और शरीर के बीच संतुलन बनाना **उत्तर:** 2. मन को स्थिर करना **व्याख्या:** प्राणायाम का मुख्य उद्देश्य श्वास पर नियंत्रण के माध्यम से मन को स्थिर और शांत करना है। यह ध्यान और समाधि की ओर ले जाने वाली एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। --- ### Q13. समाधि किस अवस्था का प्रतिनिधित्व करती है? 1. शारीरिक स्वास्थ्य की स्थिति 2. मानसिक शांति की स्थिति 3. पूर्ण आत्मज्ञान की स्थिति 4. सामाजिक सफलता की स्थिति **उत्तर:** 3. पूर्ण आत्मज्ञान की स्थिति **व्याख्या:** समाधि अष्टांग योग का अंतिम और सबसे उच्चतम चरण है, जिसमें योगी आत्म-साक्षात्कार करता है और मोक्ष प्राप्त करता है। यह आत्मा और परमात्मा के मिलन की स्थिति है। --- ### Q14. "यम" का कौन सा सिद्धांत सत्य का पालन करने से संबंधित है? 1. अहिंसा 2. सत्य 3. ब्रह्मचर्य 4. अपरिग्रह **उत्तर:** 2. सत्य **व्याख्या:** यम के पाँच उपांगों में से सत्य, सत्य बोलने और सच्चाई के मार्ग पर चलने को दर्शाता है। यह व्यक्ति को जीवन में सच्चाई का पालन करने के लिए प्रेरित करता है। --- ### Q15. अष्टांग योग के अनुसार "ध्यान" से पहले कौन सा अंग आता है? 1. प्राणायाम 2. धारणा 3. यम 4. नियम **उत्तर:** 2. धारणा **व्याख्या:** अष्टांग योग में धारणा ध्यान से पहले आता है। धारणा का अर्थ है मन को एक विशेष बिंदु पर केंद्रित करना, जो ध्यान की तैयारी के लिए आवश्यक है। --- ### Q16. "अहिंसा" का अर्थ क्या है? 1. सत्य बोलना 2. किसी का अनादर न करना 3. हिंसा न करना 4. स्वच्छता बनाए रखना **उत्तर:** 3. हिंसा न करना **व्याख्या:** अहिंसा यम का पहला सिद्धांत है, जिसका अर्थ है किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहना। इसमें शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक हिंसा से बचना शामिल है। --- ### Q17. अष्टांग योग के किस अंग में सांस पर नियंत्रण की प्रक्रिया शामिल है? 1. आसन 2. धारणा 3. प्राणायाम 4. यम **उत्तर:** 3. प्राणायाम **व्याख्या:** प्राणायाम अष्टांग योग का चौथा अंग है, जिसमें श्वास पर नियंत्रण की प्रक्रिया शामिल है। यह मन को शांत करने और ध्यान की तैयारी में सहायक होता है। --- ### Q18. "समाधि" को पतंजलि ने किस रूप में परिभाषित किया है? 1. शारीरिक व्यायाम की उच्चतम अवस्था 2. मानसिक शांति की साधारण अवस्था 3. चित्त की पूर्ण निरोध की अवस्था 4. दैनिक जीवन के लिए उपयोगी अवस्था **उत्तर:** 3. चित्त की पूर्ण निरोध की अवस्था **व्याख्या:** पतंजलि के अनुसार, समाधि वह अवस्था है जहां चित्त की सभी वृत्तियाँ समाप्त हो जाती हैं और योगी आत्म-साक्षात्कार करता है। यह अष्टांग योग का अंतिम और सबसे उच्चतम चरण है। ### Q19. राज योग का मुख्य उद्देश्य क्या है? 1. भक्ति का अभ्यास 2. मानसिक और आत्मिक नियंत्रण प्राप्त करना 3. शारीरिक शक्ति बढ़ाना 4. सांस को नियंत्रित करना **उत्तर:** 2. मानसिक और आत्मिक नियंत्रण प्राप्त करना **व्याख्या:** राज योग का उद्देश्य मानसिक और आत्मिक नियंत्रण प्राप्त करना है। यह योग के आठ अंगों (अष्टांग योग) का पालन करके आत्म-साक्षात्कार और मोक्ष प्राप्त करने की प्रक्रिया है। --- ### Q20. भक्ति योग में निम्नलिखित में से कौन सा तत्व मुख्य होता है? 1. ज्ञान 2. ध्यान 3. ईश्वर के प्रति प्रेम और समर्पण 4. श्वास नियंत्रण **उत्तर:** 3. ईश्वर के प्रति प्रेम और समर्पण **व्याख्या:** भक्ति योग में व्यक्ति ईश्वर के प्रति पूर्ण प्रेम और समर्पण के माध्यम से मोक्ष प्राप्त करने का प्रयास करता है। इसमें भावनात्मक संबंध और आराधना का महत्व है। --- ### Q21. भगवद गीता के अनुसार कर्म योग का क्या अर्थ है? 1. केवल ध्यान का अभ्यास 2. फल की इच्छा के बिना कर्म करना 3. सांस का अभ्यास 4. ईश्वर की पूजा करना **उत्तर:** 2. फल की इच्छा के बिना कर्म करना **व्याख्या:** भगवद गीता के अनुसार कर्म योग का अर्थ है बिना फल की इच्छा के अपने कर्तव्यों का पालन करना। इसका लक्ष्य कार्य को ईश्वर की भक्ति के रूप में करना है, जिससे मनुष्य मोक्ष प्राप्त कर सके। --- ### Q22. ज्ञान योग किस पर आधारित है? 1. शारीरिक अभ्यास 2. ध्यान और धारणा 3. आत्मा के ज्ञान और विवेक पर 4. सांस पर नियंत्रण **उत्तर:** 3. आत्मा के ज्ञान और विवेक पर **व्याख्या:** ज्ञान योग का उद्देश्य आत्मा के ज्ञान, विवेक और विचार शक्ति के माध्यम से मोक्ष प्राप्त करना है। इसे "ज्ञान मार्ग" के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें आत्म-ज्ञान प्रमुख होता है। --- ### Q23. हठ योग का मुख्य अभ्यास क्या है? 1. भक्ति का मार्ग 2. मानसिक शांति का अभ्यास 3. शारीरिक आसनों और प्राणायाम का अभ्यास 4. ध्यान और समाधि **उत्तर:** 3. शारीरिक आसनों और प्राणायाम का अभ्यास **व्याख्या:** हठ योग मुख्य रूप से शारीरिक आसनों और प्राणायाम का अभ्यास है, जिससे शरीर और मन को नियंत्रित किया जाता है। यह योग साधना की प्रारंभिक अवस्था है, जो आगे ध्यान और समाधि की ओर ले जाती है। --- ### Q24. राज योग का अन्य नाम क्या है? 1. ध्यान योग 2. अष्टांग योग 3. प्राण योग 4. कर्म योग **उत्तर:** 2. अष्टांग योग **व्याख्या:** राज योग को अष्टांग योग भी कहा जाता है, क्योंकि यह पतंजलि के योगसूत्र में बताए गए आठ अंगों पर आधारित है। इन आठ अंगों के माध्यम से मानसिक और आत्मिक नियंत्रण प्राप्त किया जाता है। --- ### Q25. भक्ति योग में "दास्य भक्ति" का क्या अर्थ है? 1. मित्र की तरह भक्ति करना 2. सेवक के रूप में ईश्वर की भक्ति करना 3. माता-पिता की तरह प्रेम करना 4. स्वामी के रूप में भक्ति करना **उत्तर:** 2. सेवक के रूप में ईश्वर की भक्ति करना **व्याख्या:** दास्य भक्ति भक्ति योग का एक प्रकार है, जिसमें भक्त ईश्वर की सेवा को प्राथमिकता देता है और स्वयं को ईश्वर का सेवक मानता है। इसमें पूरी तरह समर्पण का भाव होता है। --- ### Q26. कर्म योग का सिद्धांत किसके साथ जुड़ा हुआ है? 1. सिर्फ ध्यान का अभ्यास 2. परिणाम की इच्छा के बिना कर्म करना 3. सांसों का अभ्यास 4. शारीरिक शक्ति बढ़ाना **उत्तर:** 2. परिणाम की इच्छा के बिना कर्म करना **व्याख्या:** कर्म योग का सिद्धांत यह है कि मनुष्य को बिना किसी परिणाम की इच्छा के अपने कर्म करने चाहिए। यह भगवान श्रीकृष्ण द्वारा भगवद गीता में दिया गया मुख्य संदेश है। --- ### Q27. ज्ञान योग में कौन सा तत्व महत्वपूर्ण है? 1. शारीरिक शक्ति 2. ज्ञान और विवेक 3. सांसों का नियंत्रण 4. ईश्वर के प्रति प्रेम **उत्तर:** 2. ज्ञान और विवेक **व्याख्या:** ज्ञान योग का मुख्य उद्देश्य आत्मज्ञान और विवेक के माध्यम से मोक्ष प्राप्त करना है। इसमें ध्यान, विचार, और आत्मा के वास्तविक स्वरूप को समझना महत्वपूर्ण है। --- ### Q28. हठ योग का उद्देश्य क्या है? 1. मन को शांत करना 2. शरीर को मजबूत करना 3. आसनों के माध्यम से शरीर और मन का संतुलन बनाना 4. ईश्वर की भक्ति करना **उत्तर:** 3. आसनों के माध्यम से शरीर और मन का संतुलन बनाना **व्याख्या:** हठ योग का उद्देश्य शारीरिक आसनों और प्राणायाम के माध्यम से शरीर और मन का संतुलन बनाना है। यह ध्यान और समाधि की दिशा में योगी को तैयार करता है। --- ### Q29. भक्ति योग के अनुसार "श्रवण" का क्या अर्थ है? 1. ध्यान करना 2. आसन करना 3. ईश्वर के नाम और कथाओं को सुनना 4. सांसों का अभ्यास करना **उत्तर:** 3. ईश्वर के नाम और कथाओं को सुनना **व्याख्या:** भक्ति योग में "श्रवण" का अर्थ है ईश्वर के नाम, कथाओं, और गुणों को सुनना। यह भक्ति का एक प्रमुख अंग है, जिसमें ईश्वर की महिमा को सुनने से भक्ति का विकास होता है। --- ### Q30. ज्ञान योग में "विवेक" का क्या अर्थ है? 1. शारीरिक शक्ति 2. ध्यान की अवस्था 3. आत्मा और माया के बीच अंतर को समझना 4. सांसों का नियंत्रण **उत्तर:** 3. आत्मा और माया के बीच अंतर को समझना **व्याख्या:** ज्ञान योग में "विवेक" का अर्थ है आत्मा और माया के बीच अंतर को समझना। यह आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए आवश्यक है, जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो सके।