भारत की अर्थव्यवस्था : प्रकार एवं विशेषताएँ

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 अर्थशास्त्र - विज्ञान की वह शाखा है , जिसमे धन से जुडी विषयों का अध्यनन किया जाता है । धन से जुडी विभिन्न सिध्दांतो एवं धारणाओं के बारे पढ़ा जाता है ।

अर्थव्यवस्था - अर्थशास्त्र की वह शाखा जिसमे धन से संबंधित व्यवहारिक विषयों के बारें में पढ़ा जाता है । किसी क्षेत्र या देश के द्वारा कौनसी व्यवस्था अपनाई जाये की उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके अधिकतम धन का सृजन हो जिससे लोगों का जीवन स्तर सुधर सके ।


अर्थव्यवस्था के प्रकार 
दुनिया के अर्थव्यवस्था को मुख्य रूप से तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है । 
  1. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था 
  2. समाजवादी अर्थव्यवस्था
  3. मिश्रित अर्थव्यवस्था
पूंजीवादी अर्थव्यवस्था

ऐसी अर्थव्यवस्था जिसमें बाजार पर नियंत्रण निजी लोगों के हाथों में होता है इसे खुली अर्थव्यवस्था भी कहा जाता है। इस प्रकार की अर्थव्यवस्था का मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना होता है। पूंजीवादी अर्थव्यवस्था को अपनाने वाले देश-  संयुक्त राज्य अमेरिका ,ब्रिटेन ।

पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की विशेषताएं-
  • उत्पादन के साधनों पर निजी स्वामित्व होता है।
  • सरकारी हस्तक्षेप शून्य होता है।
  • मूल्य का निर्धारण बाजार तय करती है।
  • मांग और पूर्ति आधारित अर्थव्यवस्था
  • प्रतिस्पर्धात्मक बाजार व्यवस्था
सकारात्मक पहलू
  • पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में तेज आर्थिक विकास दर होता है।
  • बाजार में अधिक स्पर्धा होने के कारण वस्तुओं की गुणवत्ता पर समझौता नहीं किया जाता।
  • उपभोक्ता को वस्तुओं और सेवाओं का लाभ लेने के लिए कई विकल्प मौजूद होते हैं।
  • लोगों का जीवन स्तर तेजी से सुधरता है।
  • राष्ट्रीय में तेजी से वृद्धि होती है।
नकारात्मक पहलू
  • बाजार पर विशेष वर्ग का एकाधिकार हो जाता है।
  • उत्पादन के साधनों का अधिक दोहन होता है।
  • उद्योग वही लगाए जाते हैं जहां बाजार होता है जिससे क्षेत्रीय विषमता उत्पन्न होती है।
  • लाभ का सबसे बड़ा भाग कोई एक व्यक्ति ले जाता है जिससे आर्थिक विषमता उत्पन्न होती है।
समाजवादी अर्थव्यवस्था

समाजवादी अर्थव्यवस्था ऐसी अर्थव्यवस्था है जिसमें बाजार पर नियंत्रण राज्य सरकार का होता है ।किस वस्तु का कितनी मात्रा में और कहां पर उत्पादन किया जाना है ,उस वस्तु का मूल्य कितना हो, यह निर्धारण राज्य सरकार करती है।

समाजवादी अर्थव्यवस्था की विशेषताएं- 
  • इसका प्रमुख उद्देश्य लोक कल्याण होता है।
  •  मूल्य का निर्धारण राज्य या सरकार करती है।
  • प्रतिस्पर्धात्मक बाजार का अभाव।
  • मांग और पूर्ति का नियम लागू नहीं होता है।
सकारात्मक पहलू
  • बाजार पर एकाधिकार किसी विशेष वर्ग का नहीं होता है।
  • आर्थिक विषमताऐं धीरे-धीरे खत्म होती जाती है।
  • सभी क्षेत्रों का समान रूप से विकास होता है।
नकारात्मक पहलू 
  • आर्थिक विकास दर को धीमा होता है।
  • राज्य सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ता है।
  • बाजार में प्रतिस्पर्धा नहीं होने के कारण वस्तु की गुणवत्ता में गिरावट।
  • उपभोक्ताओं के लिए वस्तु या सेवाओं का अधिक विकल्प उपलब्ध नहीं होता।
मिश्रित अर्थव्यवस्था
 ऐसी अर्थव्यवस्था जिसमें बाजार पर नियंत्रण राज्य एवं निजी दोनों का होता है , उसे मिश्रित अर्थव्यवस्था कहा जाता है । भारत की अर्थव्यवस्था मिश्रित अर्थव्यवस्था है।
 
मिश्रित अर्थव्यवस्था की विशेषताएं-
  • मिश्रित अर्थव्यवस्था में कुछ क्षेत्रों को छोड़कर नागरिकों को व्यापार करने की स्वतंत्रता होती है ।
  • कीमतों का निर्धारण सार्वजनिक हित में ध्यान रखकर तय किया जाता है ।
  • मिश्रित अर्थव्यवस्था में किसी एक या कुछ विशेष वर्ग का एकाधिकार नहीं होता है।
  • मिश्रित अर्थव्यवस्था में लाभ कमाने एवं जन कल्याण दोनों का ध्यान रखा जाता है।
सकारात्मक पहलू-
  • कोई भी किसी प्रकार का भी व्यवसाय चुन सकता है जिससे आर्थिक विकास में मदद मिलता है।
  • आर्थिक असमानता में कमी होती है।
  • क्षेत्रीय विषमताएं घटती है ।
  • संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग होता है।
नकारात्मक पहलू-
  • सरकारी हस्तक्षेप अधिक होता है जिससे बाजार पूरी तरह से स्वन्त्र नहीं हो पाती ।


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