अर्थव्यवस्था : पंचवर्षीय योजना

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   भारत की पंचवर्षीय योजना

भारत के लोगों के कल्याण के लिए योजना आयोग के द्वारा प्रत्येक 5 साल में पंचवर्षीय योजना बनाया जाता है। भारत में पंचवर्षीय योजना का प्रारंभ सन 1951 से हुआ। वर्तमान में पंचवर्षीय योजनाओं को बंद कर दिया गया है।



भारत की आजादी से पहले देश के विकास के लिए कुछ योजनाएं  बनाई गई थी जो निम्न है-

  1. प्लांड इकोनामी फॉर इंडिया - विश्वेश्वरैया - 1934 में 
  2. राष्ट्रीय नियोजन समिति-  पंडित जवाहरलाल नेहरू- 1938 में ।
  3. बॉम्बे प्लान - सर आर्देशिर दलाल - 1944 में 
  4. गांधीवादी योजना- श्रीमन नारायण अग्रवाल- 1944 में
  5. पीपुल्स प्लान- श्री एमएन राय- 1945 में 
  6. सर्वोदय योजना- जयप्रकाश नारायण-1950 में ।
भारत की पंचवर्षीय योजना

योजना     समय अवधि    लक्ष्य%       उपलब्धि%
पहली     1951-1956      लक्ष्य 2.1    उपलब्धि 3.60
दूसरी      1956-1961      लक्ष्य 4.5    उपलब्धि 4.1
 तीसरी    1961-1966      लक्ष्य 5.6   उपलब्धि 2.8
चौथी      1969-1974      लक्ष्य 5.7   उपलब्धि 3.3
पांचवी    1974- 1978     लक्ष्य 4.4   उपलब्धि 4.83
छठवीं     1980-1985      लक्ष्य 5.2   उपलब्धि 5.7
 सातवीं   1985 -1990    लक्ष्य 5.0   उपलब्धि 6.02
आठवीं   1992-1997      लक्ष्य 5.6   उपलब्धि 6.8
नौंवीं       1997 -2002    लक्ष्य 6.5   उपलब्धि 5.4
 दसवीं    2002-2007     लक्ष्य 8.0   उपलब्धि 7.5
ग्यारहवीं  2007 -2012    लक्ष्य 9.0  उपलब्धि 8.3
बारहवीं   2012 - 2017   लक्ष्य 9.0 
प्रथम पंचवर्षीय योजना- 
  •  हेराल्ड डोमर समृद्धि मॉडल पर आधारित
  •  कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता
  • प्रमुख उद्देश्य खाद्य संकट से बाहर आना
  • प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजना भाखड़ा नांगल बांध परियोजना दामोदर घाटी बांध परियोजना
द्वितीय पंचवर्षीय योजना
  •  महालनोविस मॉडल पर आधारित
  • उद्योग क्षेत्र को प्राथमिकता
  • रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना प्रमुख उद्देश्य था
  • भिलाई स्टील प्लांट दुर्गापुर स्टील प्लांट राहुल किला स्टील प्लांट इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान बनाया गया।
तृतीय पंचवर्षीय योजना
  •  अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना एवं स्वतः स्फूर्तवान
  • बोकारो आयरन एंड स्टील इंडस्ट्री की स्थापना रूस के सहयोग से।
  • 1962 के भारत चीन युद्ध एवं 1965 के भारत पाक युद्ध के कारण यह योजना असफल रही ।
नोट - 1966 -69 तक योजना अवकाश कहा जाता है जिसमें तीन वारसी की योजनाएं चलाई गई।
 चतुर्थ पंचवर्षीय योजना(1969-74 ई.)
  • डीआर गाडगिल मॉडल पर आधारित
  • स्थायित्व के साथ विकास तथा आर्थिक आत्मनिर्भरता की प्राप्ति प्रमुख उद्देश्य था।
  • परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरुआत
  • श्वेत क्रांति का शुभारंभ
पांचवी पंचवर्षीय योजना(1974-78 ई)
  • प्रमुख उद्देश्य गरीबी उन्मूलन तथा आत्मनिर्भरता
  •  इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया
  • न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम एवं काम के बदले अनाज कार्यक्रम का शुभारंभ
अनवरत योजना - 1978-80 ई अवधि के लिए जनता पार्टी की सरकार ने अनवरत योजना चलाया जिसे रोलिंग प्लान भी कहा जाता है।
 छठी पंचवर्षीय योजना(1980-85 ई)
  •  गरीबी उन्मूलन और रोजगार में वृद्धि इस योजना का प्रमुख उद्देश्य था
  • समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम का शुभारंभ
 सातवीं पंचवर्षीय योजना(1985-90 ई)
  •  जॉन डब्ल्यू मिलर मॉडल पर आधारित था
  • रोजगार में वृद्धि, जनसंख्या वृद्धि दर में कमी, आधुनिकीकरण आत्मनिर्भरता और सामाजिक न्याय पर बल
योजना अवकाश -1990-92 ई तक कोई योजना नहीं चलाई गई ।
 आठवीं पंचवर्षीय योजना(1992-97 ई)
  • मानव संसाधन का विकास प्रमुख उद्देश्य
  • रोजगार शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया
नौवीं पंचवर्षीय योजना(1997-2002 ई)
  • न्यायपूर्ण वितरण एवं समानता के साथ विकास
  •  निर्धनता उन्मूलन तथा न्यूनतम प्राथमिक सेवाएं उपलब्ध कराना
  • रोजगार संवर्धन हेतु श्रम बहुल क्षेत्रों तथा प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करना
  • स्थानीय एवं गैर सरकारी संस्थाओं को बढ़ावा देना एवं उनका विकास करना
दसवीं पंचवर्षीय योजना(2002-07 ई)
  • गरीबी और बेरोजगारी को समाप्त करना
  •  समानता तथा सामाजिक न्याय पर विशेष बल
 ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना(2007-12)
  • तीव्रतम एवं  समावेशी विकास
  • राष्ट्रीय कृषि विकास नीति, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना का प्रारंभ
12वीं पंचवर्षीय योजना(2012-17ई)
  • तीव्र ,धारणीय एवं अधिक समावेशी विकास
  • कृषि क्षेत्र में 4% एवं विनिर्माण क्षेत्र में 10% औसत वार्षिक वृद्धि दर का लक्ष्य
  •  वार्षिक विकास दर का लक्ष्य 8% निर्धारित किया गया था।


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