भारत की जलवायु
भारत की जलवायु को मानसूनी जलवायु माना जाता है।
मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द 'मौसिम' से हुई है।
पवनो की दिशा में परिवर्तन के कारण भारत की जलवायु को चार प्रमुख ऋतुओं में बाँट सकते है - 1.ग्रीष्म ऋतू 2.वर्षा ऋतु 3.शरद ऋतू 4.शीत ऋतु
ग्रीष्म ऋतु (मार्च से मई )
- सूर्य के उत्तरायण होने से उत्तर भारत में तापमान बढ़ जाती है .
- ग्रीष्म ऋतु में उत्तर भारत में चलने वाली तेज,गर्म एवं शुष्क हवाओं को लू के नाम से जाना जाता है .
- इस ऋतु में उत्तर भारत में होने वाली वर्षा को मानसून पूर्व वर्षा कहा जाता है .
- मानसून पूर्व वर्षा के कुछ स्थानीय नाम निम्न है -
काल बैशाखी - पश्चिम बंगाल
बोर्डोचिली - असम
नोर्वेस्टर - पूर्वी भारत
आम्र वृष्टि - दक्षिण भारत
चेरी ब्लोसोम्स - कर्नाटक
वर्षा ऋतु(जून से सितम्बर )
भारत में वर्षा हिन्द महासागर में उठने वाली दक्षिण पश्चिम पवनों के कारण होती है .
1 जून को यह केरल तट से टकराती है और यह दो शाखाओ में बंट जाती है - 1.बंगाल की खाड़ी 2.अरब सागर .
- भारत में सर्वाधिक वर्षा दक्षिण पश्चिम मानसून से होती है .
- भारत के मेघालय राज्य के मानिस राम विश्व में सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र है .
- सबसे कम वर्षा भारत के लेह क्षेत्र में होती है .
शरद ऋतु(अक्टूबर से दिसम्बर )
- इस ऋतु में मानसून का निर्वर्तन प्रारंभ होता होता है .
- मानसून के लौटने से उत्तर भारत में वर्षा नही होती है .
- बंगाल की खाड़ी में कई चक्रवातीय तूफान विकसित होते है .
शीत ऋतु(मध्य दिसम्बर से फ़रवरी )
- इस समय मानसून की दिशा उत्तर पूर्वी से दक्षिण पश्चिम की और हो जाती है .
- उत्तर पूर्वी मानसून को लौटते मानसून कहा जाता है .
- लौटे हुए मानसून से सर्वाधिक वर्षा तमिलनाडु में होती है .
- इस मौसम में पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत में वर्षा होती है .
नोट -
- जिस वर्ष प्रशांत महासागर में एलिनो की उत्पत्ति होती है उस वर्ष मानसून कमजोर होता है .
- जिस वर्ष प्रशांत महासागर में ला नि नो की उत्पत्ति होती है , उस वर्षा मानसून मजबूत होता है .
- जिस साल अरब सागर में गर्म जलधारा बहती है , उस वर्ष मानसून कमजोर होता है .
- जिस साल तिब्बत के पठार में प्रतिचाक्रावती दशा उत्पन्न होगो , उस वर्ष भारत में मानसून कमजोर होगी .